क्षणिकाएं – २४

30 Part

388 times read

14 Liked

क्षणिकाएं – २४ (१) सपनों का महल कल जल गया मेरा साया मुझी को छल गया।। (२) बरसते नयनों को समेट लीजे ये मोती है अनमोल इन्हे यूं न जाया कीजे।। ...

Chapter

×